चालाक नौकर की शैतानी [Hindi Story – A Cunning Servant’s Mischief]
“इस दिलचस्प लोककथा में हास्य, चालाकी और मानवीय भावनाओं का ऐसा संगम है जो हमें हँसाते हुए एक गहरी सीख […]
“इस दिलचस्प लोककथा में हास्य, चालाकी और मानवीय भावनाओं का ऐसा संगम है जो हमें हँसाते हुए एक गहरी सीख […]
“इस पुरानी लोककथा में छिपा है एक ऐसा सबक, जो हमें अहंकार, दिखावे और बेवजह की शान-शौकत के पीछे भागने
“चलो पढ़ते हैं यह दिलचस्प कहानी, जो हमें सिखाती है कि किस्मत के सामने अकड़ दिखाना कभी-कभी भारी पड़ सकता
“चलिए, आज एक ऐसी कहानी पढ़ते हैं जो हमें सिखाती है कि हर रिश्ता दिल से नहीं, समझदारी से निभाना
स्त्री और पुरुष जीवन रूपी रथ के दो पहिए हैं। यदि एक भी कमजोर पड़े, तो जीवन की गति रुक
भारत विविधताओं का देश है, जहाँ प्रत्येक पर्व अपनी सांस्कृतिक महत्ता के साथ मनाया जाता है। इनमें राष्ट्रीय पर्वों का
भाषा किसी भी राष्ट्र की आत्मा होती है। वह न केवल विचारों का आदान-प्रदान करती है, बल्कि संस्कृति, परंपरा और
विद्यार्थी जीवन किसी भी राष्ट्र की नींव है। “यथा बीजं तथा वृक्षः” — जैसे बीज होंगे, वैसा ही वृक्ष विकसित
(छोटे पंखों से भले उड़ान छोटी हो, पर अगर दिल में ज़िद हो तो आसमान भी झुक जाता है —
15 अगस्त का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया एक गौरवमयी पर्व है। 1947 में इसी दिन भारत