गरुड़ और व्हेल (EAGLE AND WHALE)

(यह कहानी ग्रीनलैंड की एक पुरानी लोककथा पर आधारित है, जिसे हिंदी भाषा में सरल, सुंदर और रोचक तरीके से प्रस्तुत किया गया है। इस कहानी को पढ़ने में लगभग 8-10 मिनट लगेंगे, यह पाठक की गति पर निर्भर करता है।)

बिन ब्याही बहनों को मिले अनोखे वर

बहुत पहले की बात है, एक छोटे से सुंदर गाँव में एक बड़ा परिवार रहता था। घर में कई भाई थे, लेकिन केवल दो बहनें थीं। दोनों शादी लायक उम्र की थीं, लेकिन उन्हें विवाह में कोई रुचि नहीं थी। गाँव वालों ने कई बार कहा, अब शादी कर लो, अकेली लड़की घर में रहे तो बातें बनने लगती हैं!” लेकिन दोनों ने अनसुना कर दिया।

एक दिन, भाइयों में से एक ने मज़ाक में बहनों से पूछा, बताओ, तुम्हें कैसा पति चाहिए? गरुड़ चलेगा? अच्छा, तो तुम्हारा पति गरुड़ ही होगा!” फिर उसने दूसरी बहन से कहा, और तुम्हें व्हेल पसंद है? तो ठीक है, तुम्हारा पति व्हेल होगा!”

बहनों को जवाब देने का मौका भी नहीं मिला कि अचानक एक विशाल गरुड़ आकाश से उतरा और पहली बहन को अपने पंजों में पकड़कर उड़ गया। दूसरी ओर, एक भयानक व्हेल समुद्र से उभरी और दूसरी बहन को अपने साथ खींच ले गई।

गरुड़ के बसेरे पर बहन की क़ैद

पहली बहन को गरुड़ एक ऊँची, पथरीली चट्टान पर बने घोंसले में ले गया। वहाँ रहते हुए, वह बहुत दुखी थी। जब भी गरुड़ शिकार पर जाता, वह धीरे-धीरे रस्सी बुनने लगी ताकि वहाँ से भाग सके। जैसे ही उसे दूर उड़ता देखती, वह जल्दी से अपने काम में जुट जाती।

एक दिन, जब गरुड़ शिकार पर गया, वह अपनी तैयार की हुई रस्सी से नीचे उतरने लगी। इसी बीच, गाँव में उसके भाई उसे बहुत याद करने लगे। उन्होंने उसे बचाने का निश्चय किया और तीर-कमान बनाना शुरू कर दिया। गाँव के कई लोग उनकी मदद करने लगे। उनमें से एक गरीब लड़का भी था, जो इतना कमज़ोर और भूखा था कि वह ठीक से धनुष भी नहीं खींच सकता था।

जब सभी तैयार हो गए, तो उन्होंने चट्टान के पास जाकर बहन को नीचे उतरने का इशारा किया। जब गरुड़ वापस लौटा, उसने देखा कि उसकी पत्नी घोंसले में नहीं थी। उसे समझते देर न लगी कि वह भाग गई है। वह तेज़ी से गाँव की ओर झपटा, लेकिन भाइयों ने अपने तीर चलाने शुरू कर दिए।

लेकिन अफ़सोस! कोई भी तीर उसे नहीं लगा। अचानक, वह कमजोर लड़का बोला, मुझे भी कोशिश करने दो!” सबने सोचा, “इसे तो खुद खड़े रहने की ताकत नहीं, यह तीर कैसे मारेगा?” लेकिन उन्होंने उसे मौका दिया। लड़के ने ध्यान से निशाना साधा और तीर छोड़ा। तीर गरुड़ के सीने में जा धंसा। वह ज़मीन पर गिर पड़ा और मर गया। इस तरह भाइयों और उस गरीब लड़के ने गरुड़ को परास्त कर दिया।

व्हेल की क़ैद से बचने की चालाकी

उधर, दूसरी बहन अपनी व्हेल पति के साथ समुद्र किनारे की एक गुफा में क़ैद थी। व्हेल उसे बहुत प्यार करता था, लेकिन उसका प्रेम बेहद ज़्यादा क़ब्ज़े वाला था। वह उसे अकेला छोड़ने को तैयार ही नहीं था।

बहन को वहाँ रहना पसंद नहीं था, इसलिए वह भी रस्सी बुनने लगी, ताकि भाग सके। उधर, उसके भाई तेज़ी से एक तेज़ चलने वाली नाव बनाने में जुटे थे।

जब नाव तैयार हो गई, तो उन्होंने पहले एक छोटे से पक्षी से पूछा, क्या हमारी नाव व्हेल से तेज़ है?”

पक्षी ने उनकी नाव से तेज़ उड़ान भरी और कहा, नहीं, तुम्हें एक और तेज़ नाव बनानी होगी!”

भाइयों ने दोबारा मेहनत की और नई नाव बनाई। जब उन्होंने फिर से पक्षी से जाँच करवाई, तो वह भी नाव से तेज़ नहीं उड़ सका। अब वे तैयार थे।

उधर, बहन ने व्हेल से कहा, मुझे बस थोड़ी देर बाहर जाने दो। देखो, मैं अपनी टखने पर यह रस्सी बाँध रही हूँ। तुम इस रस्सी को पकड़े रखना, अगर मैं ज़्यादा दूर गई, तो तुम मुझे खींच लेना।”

व्हेल मान गया। लेकिन जैसे ही वह बाहर आई, उसने रस्सी एक पत्थर से बाँध दी और तेज़ी से भाग निकली। वह सीधे अपने भाइयों के पास पहुँची।

समुद्र की अंतिम लड़ाई

जैसे ही वे नाव में चढ़े और दूर जाने लगे, व्हेल ग़ुस्से से गुफा से बाहर निकला और उनका पीछा करने लगा। वह तेज़ी से उनकी ओर बढ़ रहा था। भाइयों ने कहा, “अपनी कंगन फेंको!”

जैसे ही बहन ने कंगन पानी में फेंका, समुद्र में भँवर आ गया और व्हेल कुछ देर के लिए धीमा हो गया। लेकिन वह फिर से तेज़ी से उनकी ओर बढ़ने लगा। भाइयों ने कहा, अब अपनी चूड़ियाँ फेंको!”

वह फिर धीमा हुआ, लेकिन कुछ ही पलों में तेज़ी पकड़ ली। इस बार, उन्होंने कहा, अब अपनी जैकेट फेंको!”

ऐसा करते-करते उन्होंने किनारे तक पहुँचने का रास्ता बना लिया। अंत में जब उन्होंने अंतिम गहना फेंका, तो व्हेल पूरी तरह रुक गया। जब वे सुरक्षित किनारे पर पहुँचे, तो व्हेल किनारे पर आ लगा और देखते ही देखते एक सफ़ेद, धूप से जली हुई हड्डी में बदल गया।

——- समाप्त ——-

कहानी से मिली सीख

  1. अपनी पसंद खुद चुनें – दूसरों के कहने पर जीवन के बड़े फैसले लेने से कठिनाइयाँ बढ़ सकती हैं। विवाह या कोई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर स्वयं लें।
  2. धैर्य और चतुराई से संकट का समाधान – दोनों बहनों ने अपने हालात से हार नहीं मानी, बल्कि धैर्य और चतुराई से अपने बचाव की योजना बनाई। जीवन में कठिनाइयाँ आएंगी, लेकिन बुद्धिमानी और संकल्प से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है।
  3. सच्चे रिश्तों का महत्व – भाइयों को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने अपनी बहनों को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा दी। परिवार और सच्चे मित्र संकट में हमेशा साथ खड़े रहते हैं।
  4. हिम्मत और कौशल किसी की पहचान नहीं देखते – कमजोर और भूखा बच्चा, जिसे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया, वही महान बाज को हराने में सफल रहा। यह साबित करता है कि कभी भी किसी की योग्यता को कम नहीं आंकना चाहिए।
  5. बुद्धिमानी से परिस्थिति पर नियंत्रण – दूसरी बहन ने कूटनीति से सोचकर व्हेल को धोखा दिया और अपनी आज़ादी वापस पाई। कई बार ताकत से ज्यादा बुद्धि और चालाकी ही जीत की कुंजी होती है।
  6. साहस और आत्मनिर्भरता सफलता की कुंजी – जीवन में कठिन परिस्थितियाँ आएंगी, लेकिन जो डर को हराकर खुद अपने भाग्य का निर्माण करता है, वही सच्चा विजेता होता है।

संक्षेप में:

यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें अपनी ज़िंदगी के फैसले खुद लेने चाहिए, संकट के समय बुद्धिमत्ता और धैर्य से काम लेना चाहिए, और यह विश्वास रखना चाहिए कि सच्चे रिश्ते हमें कभी अकेला नहीं छोड़ते।”

Disclaimer:

This story is a Hindi translation of the English story taken from below mentioned references. The purpose of this translation is to provide access to the content for Hindi-speaking readers who may not understand English. All rights to the original content remain with its respective author and publisher. This translation is presented solely for educational and informational purposes, and not to infringe on any copyright. If any copyright holder has an objection, they may contact us, and we will take the necessary action.

References:

  1. BOOK “Eskimo Folk-Tales
  2. https://talesfromtheenchantedforest.com/2025/02/01/the-eagle-and-the-whale/

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top