(यह न्यूज़ीलैंड की लोककथा है| इस कहानी को पढ़ने में लगभग 10-12 मिनट लगेंगे, यह पाठक की गति पर निर्भर करता है।)
वह आग जो कभी नहीं बुझती
बहुत समय पहले की बात है, जब चाँद का कोई अस्तित्व नहीं था। रातें घने अंधेरे से ढकी रहती थीं, और पूरी दुनिया में स्याही जैसा अंधकार छाया रहता था। उस समय, दो सुंदर युवतियाँ रहती थीं — एक की आँखें बहुत चमकदार थीं, इसलिए लोग उसे “चमकती आँखें” (Shining-Eyes) कहते थे। दूसरी के बाल लहरों की तरह सुंदर थे, इसलिए उसे “लहराते बाल“(Rippling-Hair) कहा जाता था। वे दोनों सबसे अच्छी दोस्त थीं और हर समय साथ रहती थीं।
चमकती आँखें ने एक रहस्यमयी अग्नि के बारे में सुना था, जिसे “कभी न बुझने वाली आग” कहा जाता था। यह आग कथित रूप से पाताल लोक में थी और बहुत ही ताकतवर आत्माएँ उसकी रक्षा करती थीं। यह भी माना जाता था कि जो कोई इस अग्नि को प्राप्त कर लेगा, उसे “अमर जीवन” भी प्राप्त होगा।
चमकती आँखें ने यह सोच लिया कि इस अग्नि को प्राप्त कर, वे पूरी दुनिया को अमरता का वरदान दे सकती हैं। उसने इस विचार पर काफी समय तक मंथन किया और एक दिन उसने अपनी सहेली से इस साहसिक यात्रा पर जाने की बात कही।
लहराते बाल घबरा गई। उसे अपनी मित्र के अजीबोगरीब विचारों की आदत थी, लेकिन यह विचार पहले से बिल्कुल अलग था! यह यात्रा बेहद खतरनाक थी और उन आत्माओं से पार पाना असंभव था जो इस पवित्र अग्नि की रक्षा करती थीं।
एक अनोखी योजना
चमकती आँखें मुस्कराई और अपनी चालाक योजना बताने लगी। उसने समझाया कि अगर वे मीठे आलू (कुमारा) से भरी टोकरी लेकर जाएँ, तो वे आत्माओं का ध्यान इस स्वादिष्ट भोजन की ओर मोड़ सकती हैं। जब आत्माएँ मीठे आलू का स्वाद चखने में व्यस्त होंगी, तब वे दोनों चोरी-छिपे उस अग्नि को ले भागेंगी।
लहराते बाल को यह योजना अविश्वसनीय लगी। उसे यह भी लगा कि उनके पिता उन्हें इतनी खतरनाक यात्रा पर जाने की अनुमति कभी नहीं देंगे। लेकिन चमकती आँखें अडिग थी। उसने आश्वस्त किया कि वे दोनों बहुत तेज़ दौड़ सकती थीं और उन्हें सच बताने की कोई ज़रूरत नहीं थी। जब तक उनके परिवारवालों को उनकी ग़ायब होने की भनक लगेगी, वे तब तक उस अनमोल अग्नि को लेकर लौट चुकी होंगी।
लहराते बाल के चेहरे पर अब भी संदेह दिख रहा था। चमकती आँखें ने गहरी साँस ली और कहा, “अगर तुझे डर लग रहा है, तो मत चल। मैं अकेली जाऊँगी।”
लहराते बाल ने तुरंत कहा, “नहीं! मैं जहाँ भी तू जाएगी, तेरे साथ चलूँगी, चाहे वह पाताल लोक ही क्यों न हो।”
काँटों का जंगल
उनकी यात्रा का पहला चरण आसान था। चारों ओर हरी-भरी पहाड़ियाँ और मखमली धूप थी। लेकिन जल्द ही, वे एक घने काँटों वाले जंगल में आ गईं। वहाँ के पेड़ इतने ऊँचे थे कि सूरज की किरणें भी ज़मीन तक नहीं पहुँच पाती थीं। जंगल की झाड़ियों के काँटे उनके कपड़ों और त्वचा को चीर रहे थे। पक्षी और कीड़े भी उन पर हमला कर रहे थे, उनकी खाने की टोकरी तक छीनने की कोशिश कर रहे थे।
दरअसल, यह कोई साधारण जंगल नहीं था। यह पाताल लोक का प्रवेश द्वार था, और हर पेड़, हर जीव उन्हें रोकने के लिए तत्पर था। चारों ओर से आवाज़ें आ रही थीं—”पीछे हट जाओ, इससे पहले कि देर हो जाए!” लेकिन दोनों युवतियाँ डरी नहीं। उन्होंने यात्रा जारी रखी और कई दिनों तक पैदल चलती रहीं।
परियों की मदद
कई दिनों की कठिन यात्रा के बाद, वे एक विशाल फ़र्न (fern) के पेड़ के नीचे पहुँचीं और वहीं विश्राम करने लगीं। वे दोनों थक कर चूर हो चुकी थीं। खाने को अब कुछ नहीं बचा था, केवल वह मीठे आलू जो आत्माओं के लिए थे।
उन्हें गहरी नींद आ गई, लेकिन जंगल की परियों ने उन्हें देख लिया। परियाँ उन दोनों की बहादुरी से प्रभावित हुईं। उन्हें पता था कि जंगल ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, फिर भी वे रुकी नहीं थीं।
आपसी चर्चा के बाद, परियों ने फैसला किया कि वे लड़कियों की मदद करेंगी। उन्होंने दोनों को उठाया और अपने जादुई महल में ले जाकर नर्म, फूलों से भरे बिस्तर पर सुला दिया।
सुबह जब लड़कियाँ उठीं, तो परियों ने उन्हें जादुई भोजन और पेय दिया, जिससे उनकी सारी थकान मिट गई।
पर्वतों की चुनौती
अब उनका अगला पड़ाव था पर्वतों का इलाका।
जैसे-जैसे वे आगे बढ़ीं, धरती उनके पैरों के नीचे ऊँची उठने लगी। छोटे-छोटे टीले बड़े पहाड़ों में बदल गए। रास्ते में खाइयाँ आ गईं, तेज़ आँधियाँ चलने लगीं और अचानक एक विशाल पर्वत देवता प्रकट हुआ।
लेकिन दोनों ने हार नहीं मानी। उन्होंने एक-दूसरे का हाथ थामा और आगे बढ़ती गईं। उनकी दृढ़ता देखकर पर्वत ने अंततः उनका रास्ता छोड़ दिया।
पाताल लोक का प्रवेश द्वार
आख़िरकार, वे एक लाल फूलों वाले वृक्ष तक पहुँचीं, जो समुद्र की ओर झुका हुआ था। चमकती आँखें ने कहा, “यह वही वृक्ष है जिसके नीचे से आत्माएँ पाताल लोक जाती हैं। हम बस पहुँच ही गए हैं!”
दोनों ने रात वहीं बिताई और सुबह वृक्ष की जड़ों के सहारे नीचे उतरने लगीं। जल्द ही, वे एक गुफा के प्रवेश द्वार पर पहुँचीं। अंदर घना अंधेरा था।
“हम साथ हैं,” लहराते बाल ने कहा, और दोनों ने एक-दूसरे का हाथ कसकर थाम लिया।
अग्नि की चोरी
जैसे ही वे अंदर पहुँचीं, उन्हें तीन आत्माएँ आग की रक्षा करते दिखीं।
चमकती आँखें फुसफुसाई, “यही वह अग्नि है जो कभी नहीं बुझती! जल्दी से कुमारा दो!”
उन्होंने आत्माओं को मीठे आलू दिए, और आत्माएँ उन्हें खाने में व्यस्त हो गईं। यह मौका देखकर चमकती आँखें जलती हुई लकड़ी का एक टुकड़ा उठाकर भागने लगी।
लेकिन तभी एक आत्मा चिल्लाई—”मर्त्य लोग (you mortals)! रोक लो इन्हें!”
चाँद की उत्पत्ति
भागते-भागते आत्माओं ने चमकती आँखें का पैर पकड़ लिया।
लहराते बाल चिल्लाई, “अग्नि छोड़! अपना हाथ दे!”
लेकिन चमकती आँखें ने अग्नि को आकाश की ओर उछाल दिया।
आकाश देवता रांगी (Rangi) ने उस अग्नि को पकड़ा और उसे रात्रि के आकाश में चाँद बना दिया।
उन्होंने कहा, “अमर जीवन मनुष्यों के लिए नहीं है, लेकिन यह प्रकाश हमेशा रहेगा।”
इस प्रकार, चाँद की उत्पत्ति हुई। और तब से, जब भी रात आती है, चाँद अंधकार से लड़ने के लिए चमक उठता है।
——- समाप्त ——-
कहानी से मिली सीख
- साहस और दृढ़ निश्चय – चमकती आँखें और लहराते बाल ने असंभव लगने वाली यात्रा का सामना किया। यह सिखाता है कि जब हम किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ठान लेते हैं, तो कोई भी बाधा हमें रोक नहीं सकती।
- मित्रता और साथ निभाने का मूल्य – लहराते बाल को डर था, लेकिन उसने अपनी मित्र का साथ नहीं छोड़ा। यह दिखाता है कि सच्ची मित्रता हर कठिनाई में संबल देती है।
- चतुराई और योजना का महत्व – दोनों लड़कियों ने आत्माओं को मीठे आलू का लालच देकर आग चुराने की योजना बनाई। इससे हमें सिखने को मिलता है कि केवल ताकत ही नहीं, बल्कि बुद्धिमानी भी सफलता के लिए आवश्यक होती है।
- प्राकृतिक नियमों का सम्मान – अमरता केवल देवताओं के लिए थी, और जब चमकती आँखें ने आग को आकाश की ओर उछाल दिया, तो वह चाँद बन गई। यह हमें सिखाता है कि कुछ शक्तियाँ मानव नियंत्रण से परे होती हैं, और हमें प्रकृति के नियमों का सम्मान करना चाहिए।
- प्रकाश और आशा की प्रेरणा – इस कहानी के अंत में चाँद अस्तित्व में आया, जो हर रात अंधकार को दूर करता है। यह हमें सिखाता है कि कठिनाइयों के बावजूद, हमेशा आशा की एक किरण होती है जो हमें रास्ता दिखाती है।
इस कहानी से हमें यह समझने को मिलता है कि साहस, मित्रता, चतुराई और आशा के साथ हम जीवन की कठिनाइयों को पार कर सकते हैं और एक नई रोशनी की ओर बढ़ सकते हैं।
Disclaimer:
This story is a Hindi translation of the English story taken from below mentioned references. The purpose of this translation is to provide access to the content for Hindi-speaking readers who may not understand English. All rights to the original content remain with its respective author and publisher. This translation is presented solely for educational and informational purposes, and not to infringe on any copyright. If any copyright holder has an objection, they may contact us, and we will take the necessary action.
References: