छात्र और राष्ट्र का नव निर्माण [Hindi Essay – Students and the Rebuilding of the Nation/Students: Architects of a New Nation]
विद्यार्थी जीवन किसी भी राष्ट्र की नींव है। “यथा बीजं तथा वृक्षः” — जैसे बीज होंगे, वैसा ही वृक्ष विकसित […]
विद्यार्थी जीवन किसी भी राष्ट्र की नींव है। “यथा बीजं तथा वृक्षः” — जैसे बीज होंगे, वैसा ही वृक्ष विकसित […]
(छोटे पंखों से भले उड़ान छोटी हो, पर अगर दिल में ज़िद हो तो आसमान भी झुक जाता है —
15 अगस्त का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया एक गौरवमयी पर्व है। 1947 में इसी दिन भारत
भारत एक बहुभाषी, बहुधर्मी, और विविध सांस्कृतिक पहचान वाला राष्ट्र है। यहाँ असंख्य जातियाँ और बोलियाँ प्रचलित हैं, परंतु जब
भारतीय किसान का जीवन प्रकृति की गोद में खिलती उस कली की भाँति है, जो धूप, वर्षा और आंधी के
विद्यार्थी जीवन मनुष्य के भावी जीवन की नींव होता है। यदि यह नींव मजबूत हो, तो भविष्य का निर्माण भी
(यह कहानी एक प्रसिद्ध जापानी लोककथा पर आधारित है, जिसे भावनात्मक गहराई, सांस्कृतिक जुड़ाव और सरल हिंदी में फिर से
(यह जापानी लोककथा का हिंदी रूपांतरण है — यह एक ऐसे योद्धा की कहानी जो अपने साहस से भय और
(यह कहानी एक प्राचीन लोककथा से प्रेरित है, जो हमें सिखाती है कि चतुराई और बुद्धिमानी से किसी भी कठिनाई
(यह कहानी हमें जीवन और मृत्यु के शाश्वत सत्य को समझाने वाली एक प्राचीन बौद्ध कथा पर आधारित है, जो